नया अंक
जून 2009
यूपीए सरकार का नया एजेण्डा : अब बेरोकटोक लागू होंगी पूँजीवादी विकास की नीतियाँ जनता के गुस्से की ऑंच पर पानी के छींटे डालते हुए देशी-विदेशी पूँजीपतियों की लूट को और मुकम्मल बनाने की तैयारी
पूँजीवादी लोकतंत्र में ''बहुमत'' की असलियत : महज़ 12 प्रतिशत लोगों के प्रतिनिधि हैं देश के नये सांसद
जानवरों जैसा सलूक किया जाता है मज़दूरों के साथ
बादली औद्योगिक क्षेत्र की हत्यारी फैक्टरियाँ
बोलते ऑंकड़े चीख़ती सच्चाइयाँ
20 रुपये रोज़ पर गुज़ारा करने वाले 84 करोड़ लोगों के देश में 300 सांसद करोड़पति
लुधियाना के टेक्सटाइल मज़दूरों का संघर्ष रंग लाया
स्विस बैंकों में जमा 72 लाख करोड़ की काली कमाई पूँजीवादी लूट के सागर में तैरते हिमखण्ड का ऊपरी सिरा भर है
पूँजीपति वर्ग के पास आर्थिक संकट को रोकने का एक ही तरीका है - और भी व्यापक और विनाशकारी संकटों के लिए पथ प्रशस्त करना और इन संकटों को रोकने के साधनों को घटाते जाना!
फासीवाद क्या है और इससे कैसे लड़ें
चीन के नये पूँजीवादी शासकों के ख़िलाफ 4 जून, 1989 को त्येनआनमेन पर हुए जनविद्रोह के बर्बर दमन की 20वीं बरसी पर : कभी चैन की नींद नहीं सो सकेंगे पूँजीवादी पथगामी...
अदम्य बोल्शेविक - नताशा : एक स्त्री मज़दूर संगठनकर्ता की संक्षिप्त जीवनी (छठी किश्त)
नेपाली क्रान्ति किस ओर? नयी परिस्थितियाँ और पुराने सवाल
तस्वीर बदल दो दुनिया की
बेर्टोल्ट ब्रेष्ट की कविता
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