हालिया लेख/रिपोर्टें

Blogger WidgetsRecent Posts Widget for Blogger

1.10.10

लुधियाना के पावरलूम मज़दूरों ने शानदार जीत हासिल की


कारखाना मज़दूर यूनियन के नेतृत्‍व में लुधियाना के गऊशाला, कश्‍मीर नगर और माधोपुरी इलाकों के पॉवरलूम वर्करों के आंदोलन को 15वें दिन (30 सितंबर) शानदार सफलता हासिल हुई। मज़दूरों की संगठित ताक़त के आगे मालिकान को आख़िर झुकना पड़ा। 26 फैक्‍टरियों के मालिकों का एक प्रतिनिधि समूह सहायक श्रम आयुक्‍त की मौजूदगी में मज़दूरों के प्रति‍निधियों के साथ बैठक करने के बाद अंतत: एक लि‍खित समझौते पर हस्‍ताक्षर करने को राजी हुआ। समझौते में पॉवरलूम मज़दूरों की विभिन्‍न श्रेणियों के पीस रेट/वेतन में 11-12 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करने की बात स्‍वीकार की गई है। यह समझौता उन सभी 59 फैक्‍टरियों में लागू होगा जिनके मज़दूर हड़ताल में हिस्‍सा ले रहे थे। समझौते पर हस्‍ताक्षर हो जाने के बाद मज़दूरों ने अपनी 15 दिन पुरानी हड़ताल वापस लेने और 1 अक्‍टूबर से काम पर वापस लौटने का फैसला किया। 

कारखाना मज़दूर यूनियन के नेतृत्‍व में लुधियाना के पॉवरलूम वर्करों की सफल हड़तालों का यह तीसरा चरण है। इसके पहले शक्तिनगर, टिब्‍बा रोड की 42 पॉवरलूम फैक्‍टरियों के मज़दूरों ने 24 अगस्‍त से 31 अगस्‍त तक चली 8 दिन लंबी हड़ताल के बाद मालिकों को अपनी मांगो पर झुकने को मजबूर किया था। इसके बाद जिंदल टेक्‍सटाइल फैक्‍टरी में एक और सफल हड़ताल हुई। लुधियाना के मज़दूर आंदोलन के पिछले 18 वर्षों के इतिहास में यह पहला मौका है जब मालिकों की संगठित ताकत के आगे मज़दरों ने इतनी बड़ी सफलता हासिल की है। इन हालिया सफलताओं के बाद लुधियाना के मज़दूर आंदोलन में नई जागृति पैदा हुई है। वेतन बढ़ोत्तरी से ज़्यादा अहम तथ्‍य यह है कि मज़दूरों ने अब अपना एक ज़झारू संगठन बना लिया है। संगठन ही मज़दूरों का सबसे बड़ा हथियार है जो यह सुनिश्चित करता है कि समझौते को सही ढंग से लागू किया जाए और साथ ही यह मज़दूरों के जीवन और आजीविका को प्रभावित करने वाले तमाम मसलों पर उन्‍हें एकजुट करने का काम करेगा। 

क्रान्तिकारी अभिवादन के साथ, 

लखविंदर 

सचिव, कारखाना मज़दूर यूनियन

Read more...

बिगुल के बारे में

बिगुल पुस्तिकाएं
1. कम्युनिस्ट पार्टी का संगठन और उसका ढाँचा -- लेनिन

2. मकड़ा और मक्खी -- विल्हेल्म लीब्कनेख़्त

3. ट्रेडयूनियन काम के जनवादी तरीके -- सेर्गेई रोस्तोवस्की

4. मई दिवस का इतिहास -- अलेक्ज़ैण्डर ट्रैक्टनबर्ग

5. पेरिस कम्यून की अमर कहानी

6. बुझी नहीं है अक्टूबर क्रान्ति की मशाल

7. जंगलनामा : एक राजनीतिक समीक्षा -- डॉ. दर्शन खेड़ी

8. लाभकारी मूल्य, लागत मूल्य, मध्यम किसान और छोटे पैमाने के माल उत्पादन के बारे में मार्क्सवादी दृष्टिकोण : एक बहस

9. संशोधनवाद के बारे में

10. शिकागो के शहीद मज़दूर नेताओं की कहानी -- हावर्ड फास्ट

11. मज़दूर आन्दोलन में नयी शुरुआत के लिए

12. मज़दूर नायक, क्रान्तिकारी योद्धा

13. चोर, भ्रष् और विलासी नेताशाही

14. बोलते आंकड़े चीखती सच्चाइयां


  © Blogger templates Newspaper III by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP