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29.8.10

शक्ति नगर के पावरलूम मजदूर हड़ताल पर - मजदूरों ने संघर्ष का रास्‍ता क्‍यों चुना ?















लुधियाना में 42 पावरलूम कारख़ानों के सैकड़ों मज़दूर अपनी मांगों को लेकर कारख़ाना मज़दूर यूनियन के नेतृत्‍व में 24 अगस्‍त से हड़ताल पर हैं। पीसरेट पर काम करने वाले इन मज़दूरों की मज़दूरी 10-12 वर्ष से नहीं बढ़ी है जबकि इस बीच कारख़ाना मालिकों के मुनाफ़े और महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है। इन कारख़ानों में को
ई भी श्रम क़ानून लागू नहीं होते। आये दिन कारख़ानों में होने वाली दुर्घटनाओं में मज़दूर घायल होते और मरते रहते हैं लेकिन सुरक्षा के बुनियादी इंतज़ाम भी नहीं किये जाते। श्रम विभाग मालिकों की जेब में है। मज़दूर श्रम 
विभाग के दफ़्तर के सामने लगातार धरना-प्रदर्शन करते रहे हैं लेकिन उसके अधिकारी मालिकों को बचाने और मज़दूरों को बहलाने तथा धमकाने में लगे हुए हैं। सैकड़ों मज़दूर शक्तिनगर के कारख़ानों वाले इलाके में लगातार दिन-रात धरने पर डटे हुए हैं। अब शक्तिनगर के मज़दूर लुधियाना के अन्‍य पावरलूम वाले इलाकों में काम करने वाले मज़दूरों से भी इस आन्‍दोलन में शामिल होने का आह्वान कर रहे हैं जोकि उन्‍हीं जैसे हालात में काम करते हैं। बुनियादी अधिकारों से वंचित लुधियाना के लाखों दूसरे मज़दूरों से भी ये मज़दूर अपना साथ देने की अपील कर 
रहे हैं। लुधियाना के मज़दूरों के नाम शक्तिनगर के पावरलूम मज़दूरों का पर्चा यहां प्रस्‍तुत है। पर्चा पीडीएफ़ प्रारूप में है। पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें -
नारे लगाते हुए पावरलूम मजदूर

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27.8.10

लुधियाना के सैकड़ों पावरलूम मज़दूर हड़ताल पर

हड़ताल पर बैठे मजदूरों को संबोधित करते राजविंदर

न्यू शक्ति नगर (टिब्बा रोड, लुधियाना) के तीन दर्जन से भी अधिक पावरलूम कारखानों के सैकड़ों मज़दूर 'कारखाना मज़दूर यूनियन' के नेतृत्व में पिछले 4 दिन से हड़ताल पर हैं। 

कारखाना मालिकों के साथ श्रम विभाग के अधिकारियों की मध्यस्थता में कल 4 घंटे तक चली वार्ता के बाद भी जब मालिक मज़दूरी न बढ़ाने पर अड़े रहे तो मज़दूरों ने अपनी हड़ताल जारी रखने का फैसला किया। न्यू शक्ति नगर के लगभग 500 पावरलूम मज़दूर वेतन बढ़ोतरी, कारखानों में सुरक्षा इंतजाम, शिनाख्ती कार्ड, ई.एस.आई., पी.एफ. जैसे बुनियादी श्रम कानूनों को लागू करवाने की माँगों को लेकर कारखाना मज़दूर यूनियन (के.एम.यू.) के नेतृत्व में 24 अगस्त से हड़ताल पर हैं। गौरतलब है कि लुधियाना के पावरलूम मज़दूरों की आमदनी में पिछले 10-12 वर्षों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है जबकि इस बीच महँगाई कई गुना बढ़ गई है और मज़दूरों का गुज़ारा बहुत कठिन हो गया है। 

यूनियन के प्रधान राजविन्दर ने कहा कि ये मज़दूर महीने में मात्र 3500-4000 रुपए ही कमा पाते हैं और सर्दियों में कुछ महीने इन्हें बेरोज़गार भी रहना पड़ता है। इन वर्षों के दौरान मालिकों के मुनाफ़े बहुत अधिक बढ़ चुके हैं क्योंकि उनके कारखानों में बनने वाले शॉल और कपड़े की कीमत में बहुत बढ़ोतरी हुई है। मज़दूर लम्बे समय से वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं लेकिन मालिकों के कान पर जूँ तक नहीं रेंगी है। 

मज़दूरों को कमरतोड़ महँगाई के कारण गुजारा चलाने के लिए दिन-रात एक करके काम करना पड़ रहा है। वे 12-12, 14-14 घंटे काम करने को मज़बूर हो रहे हैं। काम का बहुत अधिक लोड होने के कारण और दूसरी तरफ मालिकों द्वारा सुरक्षा इंतज़ामों को ताक पर रख दिए जाने के कारण पावरलूम कारखानों में अक्सर ही भयानक हादसे होते रहते हैं। 

न्यू शक्ति नगर में मज़दूरों का धरना लगातार जारी है। कल मज़दूरों ने समराला चौक, प्रताप चौक होते हुए गिल रोड स्थित लेबर ऑफिस तक रोष मार्च निकाला। मज़दूर दृढ़संकल्प हैं कि मांगें पूरी होने तक संघर्ष में डटे रहेंगे। 

- राजविन्दर/लखविन्दर 

कारखाना मज़दूर यूनियन, लुधियाना 

फोन: 98886 55663 / 96461 50249

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बिगुल के बारे में

बिगुल पुस्तिकाएं
1. कम्युनिस्ट पार्टी का संगठन और उसका ढाँचा -- लेनिन

2. मकड़ा और मक्खी -- विल्हेल्म लीब्कनेख़्त

3. ट्रेडयूनियन काम के जनवादी तरीके -- सेर्गेई रोस्तोवस्की

4. मई दिवस का इतिहास -- अलेक्ज़ैण्डर ट्रैक्टनबर्ग

5. पेरिस कम्यून की अमर कहानी

6. बुझी नहीं है अक्टूबर क्रान्ति की मशाल

7. जंगलनामा : एक राजनीतिक समीक्षा -- डॉ. दर्शन खेड़ी

8. लाभकारी मूल्य, लागत मूल्य, मध्यम किसान और छोटे पैमाने के माल उत्पादन के बारे में मार्क्सवादी दृष्टिकोण : एक बहस

9. संशोधनवाद के बारे में

10. शिकागो के शहीद मज़दूर नेताओं की कहानी -- हावर्ड फास्ट

11. मज़दूर आन्दोलन में नयी शुरुआत के लिए

12. मज़दूर नायक, क्रान्तिकारी योद्धा

13. चोर, भ्रष् और विलासी नेताशाही

14. बोलते आंकड़े चीखती सच्चाइयां


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