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14.5.11

गोरखपुर में मज़दूरों का संघर्ष जारी

दो कारखानों में अप्रैल से जारी तालाबंदी और 18 मज़दूरों के निष्‍कासन के विरोध में टाउन हाल पर क्रमिक अनशन जारी

प्रशासन और मालिकान दबाव में लेकिन अड़ि‍यल रवैया बरकरार

गोरखपुर में 3 मई को हुए गोलीकांड और उसके बाद मज़दूरों के बर्बर दमन के बाद भारी जनदबाव और मज़दूरों के संकल्‍पबद्ध प्रतिरोध के कारण ज़ि‍ला प्रशासन और अंकुर उद्योग के मालिकान को झुकना पड़ा था और मज़दूरों को एक आंशिक जीत हासिल हुई था। मई दिवस की रैली में भाग लेने के कारण अंकुर उद्योग से निकाले गए 18 मज़दूरों को काम पर रख लिया गया है और कारखाना 11 मई से चालू हो गया है। लेकिन बरगदवा इलाके में ही वी.एन. डायर्स के दो कारखानों में अप्रैल से चली आ रही अवैध तालाबंदी खुलवाने और 18 मज़दूरों की बहाली के मुद्दे पर मालिक अब भी अड़े हुए हैं। प्रशासन की ओर से भी इस विवाद के हल के लिए वार्ता कराने की कोई पहल अब तक नहीं हुई है। स्‍पष्‍ट है कि वे मज़दूरों को थकाकर आंदोलन को तोड़ना चाहते हैं। लेकिन मज़दूर भी लंबी लड़ाई के लिए कमर कसे हुए हैं। पिछले दो वर्षों के दौरान बरगदवा के मज़दूरों में पैदा हुई एकजुटता की भावना का ही असर है कि 9 मई से ही टाउनहाल पर जारी क्रमिक अनशन में वी.एन. डायर्स के अलावा अन्‍य कारखानों के मज़दूर भी आकर भागीदारी कर रहे हैं।
मज़दूरों की कुछ मांगें मानी जाने के बाद 9 मई को मज़दूर सत्‍याग्रह तो स्‍थगित कर दिया गया था लेकिन  क्रमिक अनशन तभी से जारी है। इसकी मांगों में गोलीकांड के अभियुक्‍तों की गिरफ़्तारी, दोषी अफसरों पर कार्रवाई, गोलीकांड और दमन की घटनाओं की न्‍यायिक जांच कराना, घायल मज़दूरों को मुआवज़ा तथा वी.एन. डायर्स में तालाबंदी खत्‍म कर सभी निष्‍कासित-निलंबित मज़दूरों की बहाली शामिल है। दो दिन, पुलिस ने अनशन पर बैठे क्रमश: 5 और 12 मज़दूरों को गिरफ़्तार भी कर लिया लेकिन मज़दूरों के विरोध के बाद उन्‍हें रिहा करना पड़ा।
इस बीच गोरखपुर के विभिन्‍न जनवादी संगठन और ट्रेड यूनियनें मिलकर मज़दूरों के आंदोलन के समर्थन में 16 मई को संयुक्‍त प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। गीडा औद्योगिक क्षेत्र के कई कारखानों के मज़दूरों ने भी आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है। जांच की मांग को लेकर इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय और गोरखपुर की अदालत में याचिका दायर करने की भी तैयारी कर ली गई है।
इस बीच देश भर से गोरखपुर में मज़दूरों के दमन की निंदा और उनके आंदोलन के समर्थन का सिलसिला जारी है।

Citizen's Front in Support of Gorakhpur Worker's Movement
Contacts: 9936650658 (Katyayani), 9910462009 (Satyam), 8447011935 (Sandeep)

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बिगुल के बारे में

बिगुल पुस्तिकाएं
1. कम्युनिस्ट पार्टी का संगठन और उसका ढाँचा -- लेनिन

2. मकड़ा और मक्खी -- विल्हेल्म लीब्कनेख़्त

3. ट्रेडयूनियन काम के जनवादी तरीके -- सेर्गेई रोस्तोवस्की

4. मई दिवस का इतिहास -- अलेक्ज़ैण्डर ट्रैक्टनबर्ग

5. पेरिस कम्यून की अमर कहानी

6. बुझी नहीं है अक्टूबर क्रान्ति की मशाल

7. जंगलनामा : एक राजनीतिक समीक्षा -- डॉ. दर्शन खेड़ी

8. लाभकारी मूल्य, लागत मूल्य, मध्यम किसान और छोटे पैमाने के माल उत्पादन के बारे में मार्क्सवादी दृष्टिकोण : एक बहस

9. संशोधनवाद के बारे में

10. शिकागो के शहीद मज़दूर नेताओं की कहानी -- हावर्ड फास्ट

11. मज़दूर आन्दोलन में नयी शुरुआत के लिए

12. मज़दूर नायक, क्रान्तिकारी योद्धा

13. चोर, भ्रष् और विलासी नेताशाही

14. बोलते आंकड़े चीखती सच्चाइयां


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