मजदूर बिगुल का नया अंक -- दिसंबर 2010
2010 : घपलों-घोटालों का घटाटोप : भारतीय पूँजीवादी जनतन्त्र का भ्रष्ट-पतित-गन्दा-नंगा चेहरा
उँगलियाँ कटाकर मालिक की तिजोरी भर रहे हैं आई.ई.डी. के मज़दूर
दिल्ली में मज़दूर माँग-पत्रक आन्दोलन-2011 क़ी शुरुआत
श्रमिक अधिकारों के प्रति मज़दूरों को जागरूक करने के लिए प्रचार से आगाज़
लक्ष्मीनगर हादसा : पूँजीवादी मशीनरी की बलि चढ़े ग़रीब मज़दूर
माँगपत्रक शिक्षणमाला - 2
कार्य-दिवस का प्रश्न मज़दूर वर्ग के लिए एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक प्रश्न है, महज़ आर्थिक नहीं
कैसा है यह लोकतन्त्र और यह संविधान किनकी सेवा करता है? (पाँचवीं किस्त)
पंजाब सरकार ने बनाये दो ख़तरनाक काले कानून : पूँजीवादी हुक्मरानों को सता रहा है जनान्दोलनों का डर
यू.आई.डी. : जनहित नहीं, शासक वर्ग के डर का नतीजा
अयोध्या फ़ैसला : मज़दूर वर्ग का नज़रिया (अन्तिम किस्त)
कश्मीर समस्या का चरित्र, इतिहास और समाधान : समाजवादी राज्य में ही सम्भव है कश्मीर या अन्य किसी भी राष्ट्रीयता का समाधान
संघर्ष की नयी राहें तलाशते बरगदवाँ के मज़दूर
बिल गेट्स और वॉरेन बुफे की 'गिविंग प्लेज' : लूटो-भकोसो और झूठन आम जनता के ''हित'' में दान कर दो
एलाइड निप्पोन की घटना : एक बार फिर फैक्टरी कारख़ानों में मज़दूरों का घुटता आक्रोश सतह पर आया
प्रबन्धन की गुण्डागर्दी की अनदेखी कर मज़दूरों पर एकतरफ़ा पुलिसिया कार्रवाई
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